Sai Baba Shayari in Hindi

मेरी औकात से बढ़कर मुझे कुछ न देना मेरे मालिक क्योँकि रोशनी भी अगर जरुरत से ज्यादा हो, तो इन्सान को अन्धा बना देती है ।

साईं तुम हो मेरे दीन-बन्धु, मात-पिता चरणों में तेरे हरपल हो मेरा नमन आप दे दो मुझे शक्ति अपार बाबा तुम दे दो मुझे भक्ति अपार बाबा

सोहम-सोहम मेरे सद्गुरु साईं गुरु का ध्यान धरो सिमरन करो सोहम विष्णु सोहम ब्रह्मा हरपल साईं राम-नाम हृदय में भरो.

कर ले बंदे कर्म तू सच्चे, अच्छे जो मिला वो तेरा कर्म है दाता जो दे रहा वो कम नहीं तूने बहुत कमाया ये तेरा भ्रम है.

सिमर मनवा सिमर मनवा सुमर रे पंचतत्व सुविचार जय-जय मेरे साईं-नाथ अवतार छोड़ रे मन झूठा अहंकार.

तुम बिन जीवन जहर है साईं तेरा नाम ही है बाबा मेरी कमाई बाबा साईं बोलो अल्लाह साईं बोलो साईं बाबा बोलो साईं बाबा बोलो .

शिरडी वाले साईं बाबा की शायरी हिंदी में ऊँ साई राम शायरी

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ; गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ; रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;जब मैं मेरे ” साईं ” की याद में अल्फाज़ लिखता हूँ….

मेरे साईं मुझ पर रहम करना बच्चों का अपने आप भरण करना हर जगह पर बसते हो बाबा तुम निराकार और सर्वत्र बसते हो बाबा तुम.

जो करता विश्वास तुम पर बाबा आता शरण में जब कोई आपकी बाबा वो मिल जाये आपमें ही साईं गुरुवर फिर आत्मा और शरीर का क्या है डर

“मेरा सहारा भी तू है… मेरी भक्ति भी तू है… मेरा विशवास भी तू है… मेरी शक्ति भी तू है… अब और क्या कहु साईं… मेरी सुबह तुझ से शुरू और रात भी तुझ पर खत्म है”

जो कोई सुनता साईं बाबा के वचन जीवन को करते प्रभु पर समर्पण जो भी करता अपने साईं से सच्चा प्यार रहती सदा जीवन में सुख की बहार.

वैसे तो हम जानी मानी हस्ती नही हैं ना ही बङे इंसान हैं लेकिन जब भी रास्ते से गुजरते है तो दुश्मन के मुँह से भी निकल जाता है वो जा रहे Shirdi Sai के दीवाने

करता हूँ फ़रियाद “साईं” बस इतनी रहमत कर देना, जो भी पुकारे तुझको बाबा, खुशियों से उसकी झोली भर देना… “ॐ श्री साईं राम”

शिरडी वाले साईं बाबा तेरे दर पर आना चाहता है सवाली लब पे दुवायें भी है आखों में आसुं भी है बुला लो बाबा इस सावाली को शिरडी..!!

बाबा शायरी हिंदी 

आंसू पोंछ कर मेरे साईं ने हसाया है मुझे मेरी हर गलती पर भी मेरे साईं ने सीने से लगाया है मुझे विश्वास क्यों न हो मुझे अपने साईं पर मेरे साईं ने हर हाल में जीना सिखाया है मुझे.

मेरे “साँई” का~ दरबार सबसे न्यारा है, उसमें “बाबा” का दर्शन कितना प्यारा है, सब कहते हैं के “बाबा” सिर्फ़ हमारा है, पर “बाबा” कहते हैं के मैंने अपना, सब कुछ तुम~ सब पर वारा है.!!

आखें सुनी मन रोता है बाबा हमारा क्युं सोता है खोल के आखें देख ले बाबा तेरे बिना ~यहाँ क्या होता है लौट के आजा साईं हमारे अपनी आखें खोलो साईं बाबा बोलो साईं बाबा बोलो !!!

दीवाने तेरे लाखों बाबा पर मैं भी हूँ तेरी दुनिया में कांटे मिले मुझे भले ही लाखों पर मैं भी हूँ एक तिनका तेरी कुटिया में!

छू जाते हो मुझे कितनी ही बार, ख्वाब बनकर मेरे साईं राम… ये दुनिया न जाने फिर फिर क्यों कहती है, के तुम मेरे करीब नहीं, मेरे साईं राम!

आँखे बंद करूँ तो साईं दिखाई देते है, आँखे खोलूं तो साईं दिखाई देते है, शिकायत नही करता मै अपनी किस्मत पर क्योंकि हाथ की लकीरों में मुझे साईं दिखाई देते है श्री साँई बाबा जी की कृपा सभी पर निरंतर बनी रहे.vबाबा जी मेरा भी खाता खोल दो शिरडी दरबार में, बाबा जी आता जाता रहूँ मैं शिरडी की पवित्र भूमी पर बाबा जी जो भी सेवा हो मेरी लगा देना बस अपने ~चरणों का दास बना कर शिरीडी में रख लेना जय हो बाबा जी की..!

जिन आँखों में साईं बस जायेंगे उन आँखों में अश्क कहाँ से आयेंगे? साईं नहीं होने देते अपने बच्चों को उदास आ जाते हैं झट से अपने बच्चों के वो पास!

जिसे कोई नहीं जानता उसे रब जानता हे, राज़ को राज़ ना रहने दो वो सब जानता हे, अगर मांगना हे तो उस साईं से मांगो, जो जुबां पे आने से पहले दिल की दुआ जानता हे. जय साईनाथ.

ना मुस्कुराने को जी चाहता है, ना आंसू बहाने को जी चाहता है , लिँखू तो क्या लिखू सांई तेरी याद मे. बस तेरे पास आने को जी चाहता है

जो कल था उसे भूलकर तो देखो, जो आज हे उसे जी कर तो देखो, आने वाला पल खुद ही सवर जाएगा, एक बार ओम साईं राम बोल कर तो देखो.

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किसी ने पूछा कि “उम्र” और “जिन्दगी” में क्या फर्क है ? बहुत सुन्दर जवाब… जो बाबाजी के बिना बीती वो “उम्र” और जो बाबाजी के साथ बीती वो “जिन्दगी”…. ”

बाबा जी बिन तेरे दिल को समझाऊँ कैसे ये दिल तो आपके पास है बाबा बाबा जी आना चाहूँ तेरे पास तो आंऊ कैसे मेरी हर सांस अमानत है तेरी इस से ज्यादा और क्या कहुं बाबा हम किस कद्र तुमसे प्यार करते है ये मैं कैसे बताऊ बाबा..!मेरी औकात से बढ़कर मुझे कुछ न देना मेरे मालिक क्योँकि रोशनी भी अगर जरुरत से ज्यादा हो, तो इन्सान को अन्धा बना देती है ।

साईं तुम हो मेरे दीन-बन्धु, मात-पिता चरणों में तेरे हरपल हो मेरा नमन आप दे दो मुझे शक्ति अपार बाबा तुम दे दो मुझे भक्ति अपार बाबा.

सोहम-सोहम मेरे सद्गुरु साईं गुरु का ध्यान धरो सिमरन करो सोहम विष्णु सोहम ब्रह्मा हरपल साईं राम-नाम हृदय में भरो.

कर ले बंदे कर्म तू सच्चे, अच्छे जो मिला वो तेरा कर्म है दाता जो दे रहा वो कम नहीं तूने बहुत कमाया ये तेरा भ्रम है.

सिमर मनवा सिमर मनवा सुमर रे पंचतत्व सुविचार जय-जय मेरे साईं-नाथ अवतार छोड़ रे मन झूठा अहंकार.

तुम बिन जीवन जहर है साईं तेरा नाम ही है बाबा मेरी कमाई बाबा साईं बोलो अल्लाह साईं बोलो साईं बाबा बोलो साईं बाबा बोलो .

साई-बाबा-शायरी

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ; गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ; रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;जब मैं मेरे ” साईं ” की याद में अल्फाज़ लिखता हूँ….

मेरे साईं मुझ पर रहम करना बच्चों का अपने आप भरण करना हर जगह पर बसते हो बाबा तुम निराकार और सर्वत्र बसते हो बाबा तुम.

जो करता विश्वास तुम पर बाबा आता शरण में जब कोई आपकी बाबा वो मिल जाये आपमें ही साईं गुरुवर फिर आत्मा और शरीर का क्या है डर

“मेरा सहारा भी तू है… मेरी भक्ति भी तू है… मेरा विशवास भी तू है… मेरी शक्ति भी तू है… अब और क्या कहु साईं… मेरी सुबह तुझ से शुरू और रात भी तुझ पर खत्म है”

जो कोई सुनता साईं बाबा के वचन जीवन को करते प्रभु पर समर्पण जो भी करता अपने साईं से सच्चा प्यार रहती सदा जीवन में सुख की

वैसे तो हम जानी मानी हस्ती नही हैं ना ही बङे इंसान हैं लेकिन जब भी रास्ते से गुजरते है तो दुश्मन के मुँह से भी निकल जाता है वो जा रहे Shirdi Sai के दीवाने

करता हूँ फ़रियाद “साईं” बस इतनी रहमत कर देना, जो भी पुकारे तुझको बाबा, खुशियों से उसकी झोली भर देना… “ॐ श्री साईं राम”

शिरडी वाले साईं बाबा तेरे दर पर आना चाहता है सवाली लब पे दुवायें भी है आखों में आसुं भी है बुला लो बाबा इस सावाली को शिरडी..!!

आंसू पोंछ कर मेरे साईं ने हसाया है मुझे मेरी हर गलती पर भी मेरे साईं ने सीने से लगाया है मुझे विश्वास क्यों न हो मुझे अपने साईं पर मेरे साईं ने हर हाल में जीना सिखाया है मुझे.

मेरे “साँई” का~ दरबार सबसे न्यारा है, उसमें “बाबा” का दर्शन कितना प्यारा है, सब कहते हैं के “बाबा” सिर्फ़ हमारा है, पर “बाबा” कहते हैं के मैंने अपना, सब कुछ तुम~ सब पर वारा है.!!

आखें सुनी मन रोता है बाबा हमारा क्युं सोता है खोल के आखें देख ले बाबा तेरे बिना ~यहाँ क्या होता है लौट के आजा साईं हमारे अपनी आखें खोलो साईं बाबा बोलो साईं बाबा बोलो !!!

दीवाने तेरे लाखों बाबा पर मैं भी हूँ तेरी दुनिया में कांटे मिले मुझे भले ही लाखों पर मैं भी हूँ एक तिनका तेरी कुटिया में!

छू जाते हो मुझे कितनी ही बार, ख्वाब बनकर मेरे साईं राम… ये दुनिया न जाने फिर फिर क्यों कहती है, के तुम मेरे करीब नहीं, मेरे साईं राम!

आँखे बंद करूँ तो साईं दिखाई देते है, आँखे खोलूं तो साईं दिखाई देते है, शिकायत नही करता मै अपनी किस्मत पर क्योंकि हाथ की लकीरों में मुझे साईं दिखाई देते है श्री साँई बाबा जी की कृपा सभी पर निरंतर बनी रहे.

बाबा जी मेरा भी खाता खोल दो शिरडी दरबार में, बाबा जी आता जाता रहूँ मैं शिरडी की पवित्र भूमी पर बाबा जी जो भी सेवा हो मेरी लगा देना बस अपने ~चरणों का दास बना कर शिरीडी में रख लेना जय हो बाबा जी की..!

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जिसे कोई नहीं जानता उसे रब जानता हे, राज़ को राज़ ना रहने दो वो सब जानता हे, अगर मांगना हे तो उस साईं से मांगो, जो जुबां पे आने से पहले दिल की दुआ जानता हे. जय साईनाथ.

ना मुस्कुराने को जी चाहता है, ना आंसू बहाने को जी चाहता है , लिँखू तो क्या लिखू सांई तेरी याद मे. बस तेरे पास आने को जी चाहता है

जो कल था उसे भूलकर तो देखो, जो आज हे उसे जी कर तो देखो, आने वाला पल खुद ही सवर जाएगा, एक बार ओम साईं राम बोल कर तो देखो.

किसी ने पूछा कि “उम्र” और “जिन्दगी” में क्या फर्क है ? बहुत सुन्दर जवाब… जो बाबाजी के बिना बीती वो “उम्र” और जो बाबाजी के साथ बीती वो “जिन्दगी”…. ”

बाबा जी बिन तेरे दिल को समझाऊँ कैसे ये दिल तो आपके पास है बाबा बाबा जी आना चाहूँ तेरे पास तो आंऊ कैसे मेरी हर सांस अमानत है तेरी इस से ज्यादा और क्या कहुं बाबा हम किस कद्र तुमसे प्यार करते है ये मैं कैसे बताऊ बाबा..!