मकर संक्रांति के बारे में जानिये हिंदी में:-मकर संक्रान्ति एक बड़ा धार्मिक और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य के उत्तरायन होने पर मनाया जाता है | मकर संक्रांति के बारे में जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व भी है। ऐसा कहा गया है की जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मकर संक्रांति का योग बनता है, लेकिन इसके अलावा भी कई सारे बदलाव आते हैं। मकर संक्रांति के बाद जो सबसे पहले बदलाव आता है वह है दिन का लंबा होना और रातें छोटी होनी । मकर संक्रांति के दिन सभी राशियों के लिए सूर्य लाभदायक होता है, लेकिन मकर और कर्क राशि के लिए अच्छा लाभदायक हैं।
दोस्तो, आज हम इस पोस्ट में क्लास 1 से लेकर क्लास 12 तक के लिए 10 लाइन्स मकर संक्रांति के ऊपर लाया हूं | दोस्तो अगर आप मकर संक्रांति पर 5 लाइन हिंदी में, या फिर 5 लाइन मकर संक्रांति पर हिंदी में, मकर संक्रांति पर 15 लाइन, मकर संक्रांति पर 20 लाइन हिंदी में google पर ढूंढ रहे हो तो इसी प्रकार के मकर संक्रांति पर लाइन्स भी आप को हमारे इस पोस्ट में मिल जायेगे. दोस्तो उम्मिद करता हूँ की हमारा पोस्ट 10 लाइन्स मकर संक्राति जरूर पसंद आएगा |
10 lines on makar sankranti in hindi
1- मकर संक्रांति एक धार्मिक और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य के उत्तरायन होने पर मनाया जाता है।
2- इसे प्रकाश, प्रेरणा तथा अलौकिक-अध्यात्मिक अनुदानों का महापर्व भी कहते है।
3- इस पर्व की विशेष बात यह है कि यह अन्य त्योहारों की तरह अलग-अलग तारीखों पर नहीं, बल्कि हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है
(ads1)
4- मकर संक्रांति का संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है।
5- भारत के अलग-अललग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है
6- इस दिन महिला समाज परस्पर गुड़ तिल, रोली आदि बांटती है।
7- बंगाल में भी इस दिन स्नान करके तिल-दान करते हैं।
8 – मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है।
9- इस दिन गंगा सागर पर एक बड़ा भारी मेला भी लगता हैं।
10- इस प्रकार मकर संक्रान्ति सभी हिन्दुओं में महत्व रखने वाला एक बड़ा दिन है।
मकर संक्रांति पर 5 लाइन हिंदी में
1- मकर संक्रान्ति भारत के प्रमुख त्योहार में से एक है।
2- यह पर्व हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है।
3- अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं
4- प्राय: इस दिन पूजन के बाद लोग खिचड़ी खाते हैं और खिचड़ी तथा तिल का दान करते हैं।
5- आज का दिन देशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर 15 लाइन
1.मकर संक्रांति एक धार्मिक और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य के उत्तरायन होने पर मनाया जाता है।
2. इस दिन भारत की सभी पवित्र नदियों में लोग स्नान करके लोग इस दिन पहला सनान पवित्र नदियों में करना ही उचित मानते है इसीलिए इस दिन का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है |
3. हिन्दू पुराणों की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाते है लेकिन शनि मकर राशि के स्वामी है व ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य और शनि का तालमेल असंभव व हानिकारक है इसीलिए सूर्य देव खुद शनि के पास जाते है इसीलिए यह दिन पिता पुत्र के संबंधो के बीच पारस्परिक निकटता दर्शाता है |
4. इस दिन विश्व प्रसिद्ध कुम्भ का मेला भी इसी पवित्र महीने में हर पवित्र नदी वाले स्थानों पर मेले का आयोजन किया जाता है और दूर-2 से लोग मेले को देखने के लिए आते है |
5. इस दिन खाने में सबसे अधिक चावल तथा खिचड़ी सबसे लोकप्रिय माने जाते है कई राज्यों में इसे खिचड़ी का पर्व के नाम से भी जाना जाता है | कई लोग खिचड़ी को गुड़ व घी के साथ भी खाते है तथा इस त्यौहार का आनंद लेते है |
6. इस दिन पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व होता है और लोग बेहद आनंद और उल्लास के साथ पतंगबाजी करते हैं।
7. इस दिन लोग अपने घर में तिल की मिठाइयां बनाते है तथा उन मिठाइयों को वह लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों व सगे-सम्बन्धियों को बांटते है |
8.दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की प्रमुख पहचान बन चुकी है। विशेष रूप से गुड़ और घी के साथ खिचड़ी खाने का महत्व है। इसेक अलावा तिल और गुड़ का भी मकर संक्राति पर बेहद महत्व है
9.मकर संक्रांति का संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है |
10.आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है और तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है।
11. यह दिन पिता व पुत्र के बीच पारस्परिक प्रेम को दर्शाता है इसीलिए इस दिन पुत्र को अपने पिता को तिलक लगा कर स्वागत करना चाहिए तथा इस दिन की शुरुआत करनी चाहिए |
12. इस दिन का महत्त्व इसीलिए और भी अधिक बढ़ जाता है क्योकि इसी दिन महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपने देह को त्यागने के लिए इसी दिन को चुना था |
13. जिस तरह के भारत के अलग-2 राज्यों में इस पर्व का नाम अलग-2 रखा गया है और लोग इसे अपनी मान्यताओं के अनुसार ही मनाते है उसी तरह से इस पर्व पर अपनी मान्यतओं के अनुसार ही पकवान बनाये जाते है |
14.ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है।
15.मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन तीर्थों एवं पवित्र नदियों में स्नान का बेहद महत्व है साथ ही तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि अनुसार दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवत प्रसन्न होते हैं।
मकर संक्रांति पर 20 लाइन हिंदी में
1. मकर संक्रांति हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक ऐसा त्योहार है जो हर वर्ष एक सुनिश्चित तिथि पर आता है।
2. यह हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।
3.पूरे देश मकर संक्रांति त्योहार अलग-अलग नामों और रीति-रिवाजों के साथ मनाई जाती है।
4.हर क्षेत्र अपने अपने रीति-रिवाजों के साथ अपना त्यौहार मनाते हैं। लेकिन त्यौहार का उद्देश्य उत्साह, समृद्धि, खुशी का प्रसार करना है।
5. परंतु बहुत वर्षों में एक आदि बार इसकी तिथि 13 या 15 जनवरी भी हो जाती है।
6.जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है |
7.इस दिन सूर्य धनु राशी से मकर राशी में प्रवेश करता है !
8.ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है।
9.सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने के कारण इस दिन दान का बड़ा महत्व है !
10. भारत देश के अलग-अलग राज्यों में इसको अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है उसी प्रकार इसको मनाने का तरीका भी अलग अलग होता है।
11.बिहार तथा उतरप्रदेश के लोग इस त्यौहार को खिचड़ी के रूप में बड़ी धूम – धाम से मनाते है !
12.तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है।
13.पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है
14. ऐसी मान्यता है कि अगर मकर सक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान किया जाए तो हमारे सभी पाप धुल जाते हैं।
15.इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि अनुसार दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवत प्रसन्न होते हैं।
16. अन्य त्योहारों की तरह इस त्योहार पर भी मिठाई बनाने का विशेष महत्व है औऱ उन मिठाई में गुड और तिल के लड्डू विशेष होते हैं।
17. यह त्योहार मुख्य रूप से पतंगबाजी करने का त्यौहार होता है।
17. सभी लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ पतंगबाजी का आनंद लेते नजर आते हैं।
18. मकर संक्रांति के बाद से भौगोलिक रूप से रातें छोटी और दिन लंबे होने प्रारंभ हो जाते हैं।
19. मकर संक्रांति मुख्यता आनंद, खुशी और आपसी मेलजोल बनाने का त्यौहार है।
20. सुहागन महिलाएं सुहाग की सामग्री का आदान प्रदान भी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे उनके पति की आयु लंबी होती है।
21.इस दिन का महत्त्व इसीलिए और भी अधिक बढ़ जाता है क्योकि इसी दिन महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपने देह को त्यागने के लिए इसी दिन को चुना था |
22.यह दिन पिता व पुत्र के बीच पारस्परिक प्रेम को दर्शाता है इसीलिए इस दिन पुत्र को अपने पिता को तिलक लगा कर स्वागत करना चाहिए तथा इस दिन की शुरुआत करनी चाहिए |
23.मकर संक्रान्ति का यह त्यौहार लोगो में भाईचारे को बढाता है !
5 Lines about Makar Sankranti in Hindi
1.भारत देश के मुख्य त्योहारों में से एक त्यौहार मकर संक्रांति भी है।
2.इस दिन दाल और चावल की खिचड़ी, तिल और गुड़ के लड्डू विशेष व्यंजन होते हैं।
3.इस दिन पतंग उड़ाने का विशेष महत्व होता है लोग बेहद आनंद और उत्साह के साथ पतंगबाज़ी करते है।
4.मकर संक्रांति पर्व को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है।
5.मकर संक्रांति के बाद से भौगोलिक रूप से रातें छोटी और दिन लंबे होने प्रारंभ हो जाते हैं।