Dhoka shayari In Hindi-2023 | अपनों से धोखा शायरी इन हिंदी

Dhokha shayari in hindi :-  नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं www.anilganvit.in के नई  शायरी और हिंदी Shayari Collection में. फ्रेंड्स इस पोस्ट में हम आज प्यार में धोखा खाये लोगो के लिए लाये है इंटरनेट पर मौजूद  धोका शायरी  का hindi collection. प्यार एक अलग ही एहसास है, लेकिन कुछ लोग अपनी ख़ुशी के लिए या फिर अपने जिस्म की प्यास भुजाने के लिए इस अनमोल प्यार का सहारा लेकर प्यार करते हैं और फिर dhokha दे कर छोड़ कर चले जाते हैं, उस इंसान की आदत जब लग जाती है,तो उसके साथ हर गुज़ारा हुआ लम्हा उनकी यादें हमें तोड़ कर रख देती हैं, तब हमें पता चलता है की वो इंसान केसा है ? तो आज हम ऐसे ही धोका देने वाले लोगों के ऊपर Dhoka shayari In Hindi  ले कर आये हैं।  

प्यार में धोखा बेवफा शायरी

कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा ,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा ,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का ,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा .

यू तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नही सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती ह

 मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद है..!!

ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिँदगी आजकल,मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज रहते है.

मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ..

गलती कर रहा हू लेकिन होशोहवास में हू

मैं तेरा कोई नहीं मगर इतना तो बता

ज़िक्र से मेरे, तेरे दिल में आता क्या है?

कुछ उम्दा किस्म के जज़्बात हैं हमारे,कभी दिल से समझने की तकलुफ़्फ़् तो कीजिए।

इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर

दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते ह

Dhoka-shayari-In-Hindi

अगर आप किसी कों धोका देने में कामयाब हो गए

तो ये मत समजना की आप कितने चालाक है

ये सोचना की वो आप पर कितना विश्वास करता था

मैंने उनसे प्यार किया,
यह मेरे प्यार की हद थी.
मैंने उनपे इतबर किया,
यह मेरे इतबर की हद थी.
मरकर भी खुली रही मेरी आखें,
यह मेरे इंतिज़ार की हद थी.

बेवफा सनम से तो सिग्रत्ती अची है,
बेवफा सनम से तो सिग्रत्ती एकही है ,
दिल जलती है, पर होतो से तो लगती ह

हमने आपकी यद् मे सिगरेट जलाई
मगर कम्भाकत ढूएने भी तेरी तस्वीर बनाई.

ई मेरे जुर्म गिनाने वाले
तेरे घर कोई आइना है क्या?

शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ
यह दिल ही काफ़ी है तेरी याद मैं जलने के लिए

किसी का हाथ लेकर हाथ मे जब तुम मिले हमसे,
तो कैसे टूट के बिखरा था मेरा मन आँखो मे,
ना समझो चुप है तो तुमसे कोई शिकवा नही बाकी,
हम अपने दर्द की नही रखते कोई पहचान आँखो मे,

कच्चे धागे सा इक झटके मे टूट जाए,
ऐसा दिल मुझे मिला है.
उस पर हर गहरा दर्द भी मुझे अपनो से मिला है.
जब-जब बनाना चाहा है किसी को अपना,
तोहफे मे बक्शी गयी मुझे बस जुदाई और रुसवाई है.
क्या हुआ जो आज फिर संग मेरे तन्हाई है.

समजते थे हम उनकी हर एक बात को,
वो हर बार हमसे धोका देते थे,
पर हम भी वक़्त के हातो मजबूर थे,
जो हर बार उनको मौका देते थे.

dhoka shayari in hindi for girlfriend

हमने तो बेवफा के भी दिल से वफ़ा किया
इसी सादगी को देखकर सबने दगा किया
मेरी टिशनगी तो पी गयी हर जख्म के आँसू
गर्दिश मे आके हमने अपना घर बना लिया

मोहब्बत करने वालो मे भी अक्सर ये सिला देखा हे,
जिन्हे अपनी वफ़ा पे नाज़ था, उन्हे भी बेवफा देखा हे.

मोहब्बत मे जी गया कोई प्यार मे मर गया कोई,
मोहब्बत आग को सागर हे फिर भी उतार गया कोई,
प्यार मे ज़ख़्म का किस्सा बहोत पुराना हे दोस्तो,
ज़ख़्म दे गया कोई तो ज़ख़्म भर गया कोई .

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मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है.. ;

वो जो अपना था हुंसे है खफा,
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बे-वजह दिल नही टूट-ता किसी का,
तुम थे या हम थे बेवफा…

कैसी है यह हमारी तक़दीर,
हर तरफ दागा ही पाया है.
दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,
हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.

इंनकार करते करते, इकरार कर बैठे,
हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे.

dosti me dhoka shayari in hindi

कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है,
जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुजसे मिलने को तू अब भी बेकरार है.

अब तो हम तेरे लिए अजनब हो गया
बातो के सिलसिले भी कम हो गया
खुशियो से जुआदा हमारे पास गम हो गया
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गय

dhoka shayari in hindi 140

बड़ी हसीन  थी ज़िंदगी..
जब ना किसीसे मुहब्बत ना किसी से नफ़रत थी!
ज़िंदगी में एक मोड़ ऐसा आया मुहब्बत उससे हुई
और
नफ़रत सारी दुनिया से हो गयी.

मुहब्बत ज़िंदगी बदल देती है..
मिल जाए….तो भी..
ना मिले……..तो भी.. !

पत्थर से दिल लगाने से पहेले देख लेते,
की वो धड़क रहा हे के नही.
उनपर ऐतबार ना करते हम अगर,
तो ज़िंदगी मे ठोकर ना खाते हम कभी.

वफ़ा के नाम से वो थोड़े अंजान थे,
किसी की बेवफ़ाई से शायद थोड़े परेशान थे,
जब हमने वफ़ा देनी चाही तब पता चला के,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे. –

apno ka dhoka shayari in hindi

एक आग लगाई सिने मे मेरे,
और उसका माज़ा भी लेते रहे,
शोलो का तमाशा भी देखा उसने,
और आँचल से हवा भी देते रहे.

बेख़बर तुझे क्या खबर;
तेरी आँखों मई कैसा जमाल है;
तुझे देख ले जो बस इक नज़र;
उस की आँखों मे फिर यह सवाल है!

ग़मों की बरसात समेटे बैठा हूँ , किसी बेवफा से धोखा खाया बैठा हूँ , जाने कब देगा उपरवाला मुझे मौत , खुदा के भरोसा आस लगाये बैठा हू

शहर में हमदम पुराने बहुत थे नासिर;
वक़्त पड़ने पर मेरे काम ना आया कोई।

यू तो कोई तन्हा नही होता,
चाहकर किसी से कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को मजबूरिया ही ले डूबती है,
वरना खुशी से कोई बेवफा नही होता.

pyar me dhoka shayari in hindi

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।

हमने अपनी सांसो पर उनका नाम लिख लिया,
नही जानते थे की हमने कुछ ग़लत किया,
वो प्यार का वादा हमसे करके मुकर गये,
खैर उनकी बेवफ़ाई से कुछ तो सबक लिया.

हर धड़कन मे एक राज़ होता है,
हर बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर ना लगे बेवफ़ाई की,
हर किसी को आपने प्यार पे नाज़ होता है.

अपनों से धोखा शायरी इन हिंदी sms

तुने जो मिटा डाला

था मुझको बेवफा;
मेरी पाक मुहब्बत की

एक तासीर अभी बाकी है।

अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गये
बातो के सिलसिले भी कम हो गये
खुशियो से ज़्यादा हमारे पास गम हो गये
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गये…

मत रख हमसे वफा कि उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पाई हे.
मत धुंढ हमारे जिस्म पे ज़ख्मो के निशान,
हम ने हर चोट दिल पे खाई हे.

वो दिल की लगी को अदा समजने लगे,
दो पल रुठ के गुज़रे जफ़ा समजने लगे,
वो क्या जाने मे कितना रोया उनके बिन,
वो बिन सोचे समजे बेवफा समजने लगे.

आपके प्यार ने दिया सुकून इतना,
के आपके सिवा ना कोई प्यारा लगे,
बेवफ़ाई करनी हे तो इस तरह से करना,
के आपके बाद कोई बेवफा ना लगे.

Pyar me Dhoka shayari

ए खुदा तूने हम दीवानो का,
ये कैसा नसीब बनाया है,
जितनी खुशिया दूर जाती है,
उतना ही गम करीब आया है.

वो बेवफा मेरा इम्तिहान क्या लेगी,
मिलेगी नज़रो से तो नज़र तक झुका देगी,
उसे मेरी कबर पे दिया जलाने को मत कहेना,
वो तो नादान हे कही अपना हाथ जला देगी.

हर दिल का ज़ख़्म धो लेते हे,
आंशु ओ के जाम से.
इतनी बेवफ़ाई करो की,
नफ़रत हो जाए लड़की ओ के नाम से.

इश्क ए मोहब्बत मे कभी ऐसे तस्वीर भी होगी,
हमे क्या पता के किसी बेवफा के लिए शायरी भी लिखनी होगी .

वफ़ा के नाम से वोह अनजान थे!
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे!
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला!
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे!

मेरी मौत के सबब आप बने;
इस दिल के रब आप बने;
पहले मिसाल थे वफ़ा की;
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।

अपने दिल को आख़िर दुखाना है,
और बहारो मे घर सज़ाना है,
तो प्यार अक्सर एक बेवफा से करो,
अगर मोहब्बत को आजमाना है.

पीठ पीछे धोखा शायरी

सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं, दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं, मालूम है अब भी प्यार करते है मुझसे, वो थोडा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नही

चाहने वालो को यू सताया नही जाता,
बेवफाओ को भी यू भुलाया नही जाता.
हम तो तुम्हारे ही है,तुम्हारे ही थे,
आपनो को यू ज़िंदगी मे तडपाया नही जाता.

बेवफा है दुनिया किसी का ऐतबार ना करो,
हर पल देते है धोका किसी से प्यार ना करो,
मिट जाओ बेशाक़ तनहा जी कर,
पर किसी के साथ का इंतज़ार ना करो.

वो जो अपना था हुंसे है खफा,
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बे-वजह दिल नही टूट-ता किसी का,
तुम थे या हम थे बेवफा

फुल हो तुम मुरझाना नहीं साथ छोड़ के कभी दूर जाना नहीं जब तक हम जिन्दा है अ दोस्त कभी किसी से घबराना नही

लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं, कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं, हम एक फूल तक ना तोड सके कभी.. कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं..

हसी की राह मे गम मिले तो क्या करे,
वफ़ा के नाम पर बेवफा मिले तो क्या करे.
कैसे बचे ज़िंदगी मे धोके बाजो से,
कोई हस के धोका दे तो हम क्या करे.

आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।ये सिर्फ बेवफाई का फ़साना हे.

मोहब्बत करके देखि तो मोहब्बत को पहचान लिया,
वफ़ा सिर्फ नाम कि बात हे ये सिर्फ बेवफाई का फ़साना हे.

ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।

प्यार में धोखा खाने की शायरी

मत बहा आंसुओं में जिंदगी को;
एक नए जीवन का आगाज़ कऱ;
दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो;
ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।

लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम;
हाय मेरी पाक मुहब्बत पर;
लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम;
प्यार की निशानी समझ कर।

उनको कहो के ये कागज का लिबास उतार दे,
अगर बारिश आएगी तो अपने आप को कहा छिपाएगे.

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा ह

मिलने की आस तन्हाई होती हे,
वफ़ा की आस बेवफा होती हे,
दिल मे जीने की उमंग समाई होती हे,
पता नही किसको क्या मिले,
क्योकि किस्मत रब की बनाई होती हे.

प्यार में धोखा हिंदी स्टेटस

आकाश मे डूबा एक प्यारा तारा हे,
हमको तो किसी की बेवफ़ाई ने मारा हे,
हम उनसे अब भी मोहब्बत करते हे,
जिसने हमे मौत से भी पहेले मारा हे.

एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं;
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं;
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर;
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।

आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.

उनकी आँखो मे इस कदर का नूर हे की,
उनके ख़यालो मे रोना भी मंज़ूर हे.
बेवफा भी नही कहे सकते उन्हे क्यू की,
प्यार तो हमने किया था वो तो बेकसूर हे.

जिस गुलशन को मैने लहू से सजाया था,
हर फूल को मैने खून-ए-जिगर पिलाया था,
उससे वीरान कर दिया तेरी बेवफ़ाई ने,
और मैने तुझको वफ़ा की देवता बनाया था.

बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ;
ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ;
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को;
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।

वो खून करके मेरे दिल का बेगुनाह कहलाते हे,
छेड़कर मेरे ज़ख़्मो को बेशर्मी से मुस्कुराते हे.
बड़े बेदर्द होते हे वो हसीन अदा ओ वाले,
जो चहेरे से बड़े हे मासूम नज़र आते हे.

आज अभी उनकी नज़र में राज़ वही था , चेहरा वही था चेहरे का लिबास वही था , कैसे उन्हें बेवफा कह दूं आज भी उनके देखने का अंदाज़ वही था !

मोहब्बत करे तो लगता हे जैसे,
मौत से भी बड़ी ये एक सज़ा हे जैसे,
किस किस से शिकायत करे हम,
जब अपनी हे तक़दीर हे बेवफा हो.

प्यार में बदलाव शायरी

मोहब्बत ने हमपर ये इल्जाम लागाया है वफा कर के भी बेवफा का नाम पाया है राहे अगल नही थी हमारी फिर भी हमने अगल अगल मंझील को पाया है !

बहाने कुछ और काम कुछ और हुवा करते हे,
बाते कुछ और ,यादे कुछ और किया करते हे.
उम्मीद भी लगी उनसे, जिनकी चले कुछ,
और मौहरे और हुवा करते हे.

काफ़िर हुए थे जिस की

मोहब्बत में कल हम;
आज वही शख्स किसी और

के लिए मुस्लमान हो गया।

जो वादा किया है वो निभाना होगा,
एक दिन लौट कर तुम्हे आना होगा,
दिल तोड़कर मुस्कुरा रहे हो आज,
देखना एक दिन तुम्हे भी पछताना होगा…

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क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है;
एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है;
तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी;
ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है।

dosti me dhoka shayari

खुद मेरा पता नही हम कैसे जी लेते हे,
तो दुनिया की हालत हम कैसे बताए आपको,
गये थे हम मोहब्बत की जंग जीतने,
दिल पर ज़ख़्म खाकर वापस लौट आए हे.

मेरी नाराज़गी पर हक़

मेरे अहबाब का है बस;
भला दुश्मन से भी

कोई कभी नाराज़ होता है।

क्यूँ लफ्ज़ ढूंढते हो

मेरी ख़ामोशी में तुम
मेरी आखों मैं देखो ,

तुम्हे कई फसाने मिलेंग

दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे;
पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे;
रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज;
फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।

dhokha dene wali shayari

दूर चले गये तेरी दुनिया से और टुजे अलविदा भी ना कह सके,
तेरी सादगी भी इतनी हसीन थी के टुजे बेवफा भी ना कह सके.

मालूम नही हे की कैसे ज़रूरत निकल आई,
उस मासूम चहेरे की शराफ़ात निकल आई,
वो खुश हे मूझे बर्बाद  करके,
और मे खुश हू की उसके अहेसान की कीमत निकल आई.

झुकी पलको से उनका दीदार किया था,
सब कुछ भूलके उनका इंतेज़ार किया था.
वो समज ना सके मेरे जज़्बात कही,
जिन्हे ज़िंदगी मे सबसे ज़्यादा प्यार किया था.

उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते है

pyar ek dhoka hai shayari

सामने आकर चाहे जान से मार डालो,
मगर पीछे से बद्दुआ दिया ना करो,
हाल भी ना जानो मेरा बर्बादी के बाद,
इतने भी सनम पत्थर दिल हुआ ना करो.

वफ़ा के नाम से वो अंजन थे,
किसी की बेवफ़ाई से शायद परेशान थे,

हुँने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
“हम खुद ही बेवफा” के नामसे बदनाम थे.

जान कर भी वो मुझे जान ना पाए,
आज तक वो मुझे पहचान ना पाए,
खुद ही कर ली बेवफ़ाई हमने,
ताकि उनपर कोई इल्ज़ाम ना आए.

सह लिया है हर दर्द हमने हस्ते-हस्ते,
उजड़ गया है मेरा घर बस्ते-बस्ते.
अब वफ़ा करे भी तो कैसे करे,
वफ़ा करने गया तो बेवफ़ाई ही मिली है रस्ते-रस्ते.।

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मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे;
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे;
तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे।

हम अपनी वफ़ा का यकीन तुमको दिला ना सके,
तुमसे दूर गये क्या फिर पास आ ना सके,
इस कदर टूट कर पर किया तुझे के,
तेरे जाने के बाद हम किसी और के हो ना सके .

उन्होंने जो किया ये शायद उनकी फितरत है!
अपने लिये तो प्यार एक इबादत है!
न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे!
कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में!

समज़ते है की पत्थर है हम,
उनको ठोकर मार जाएँगे ,
एक बार कह दे नफ़रत है हम से,
खुदा कसम पत्थर तो क्या,
फूल बन कर भी उनकी राह मे नही आएँगे.

dhoka sad shayari

कोई जुदा हो गया कोई कफा हो गया

यह दूनिया के लोगों को क्या हो गया

जिस सजदा मैं मुझे उस को मागना था

रब सा अफ़सोस वोही सजदा क़हा हो गया

एक बेबफा के जख्मो पे मरहम लगाने हम गए मरहम की कसम मरहम न मिला मरहम की जगह मर हम गए !

चले जाने दो उस बेबफा को किसी और की बाँहों में, जो इतनी चाहत के बाद मेरा ना हुआ वो किसी और का क्या होगा

भुला कर हमें वो खुश रह पाएंगे, साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे, दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना, हम तो सह गए पर वोह टूट जायेंग

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शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ; बेवफ़ाई का इलज़ाम है, मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ; क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया; खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रही हू

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ; बेवफ़ाई का इलज़ाम है, मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ; क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया; खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रही हू.