Papa ki Pari Shayari,Status in Hindi
तुम पापा की परी, मैं माई का लाल प्रिये, ख़ुद से ज्यादा रखूं मैं तेरा ख्याल प्रिये.
तुम परी हो या हो उससे भी परे, तुम जो भी हो बस मेरे हो मेरे. हम तुमसे नहीं तुम्हारी निगाहों से डरे तुमसे जुदा रह न सके तो बता ये दिल क्या करे.
परी हूँ मैं, सोने सी खरी हूँ मैं, कई मुसीबतों से लड़ी हूँ मैं, अब अपने पैरों पर खड़ी हूँ मैं.
नन्ही परी शायरी
आ तुझको ले चलूँ मैं ऐसे देश में, जहाँ खुशियाँ मिलती है परियों के वेश में.
मुझे छाँव में रखा, खुद जलती रही धूप में, एक परी देखा मैंने अपनी माँ के रूप में.
मेरी नन्ही परी तो अब बड़ी हो गई, घुटनों पर चलते-चलते अब खड़ी हो गई.
तुझको पास बुलाती है, दिल के सारे गमों को भुलाती है, ऐ मेरी प्यारी सी परी जिंदगी तुझमे ही समाती है.
हर निगाहों को अपनी तरफ खींच रही है, नन्ही परी सो कर उठी है और आँखें मींच रही है.
पापा की परी शायरी फोटो
प – पलकों में सजे हर ख्व़ाब पूरे हो, अरमान तुम्हारे कोई न अधूरे हो. री – रीढ़ बनो तुम परिवार व समाज की, ऐसा वजूद और नूर हो जीवन की.
ख्व़ाब हो, परी हो या कोई कहानी हो, हकीकत में तुम मेरे दिल की रानी हो.
स्वप्न लोक में जब वो परी मेरे करीब आती है, इश्क़ का खुमार बनकर मेरे दिल पर छाती है.
जन्नत में रहने वाली परी हो तुम, मेरी जान, मेरी जिंदगानी हो तुम, यारों मैं बैठ कर जो सुनते है मेरी जान वो कहानी हो तुम.
परी हूँ तो कमजोर और नाजुक मत समझना, अपने मनचले जज्बातों को काबू में रखना
प्यारी गुड़िया शायरी
इश्क़ के सुरूर में खो गये, तेरे इश्क़ में इस कदर चूर हो गये, कहते थे ख़्वाबों की परी हो तुम आज उसी ख़्वाबों से दूर हो गये.
तुम संगमरमर का कोई टुकड़ा हो, या फिर हो तुम हुस्न की परी, तुम्हे देखते ही तुमसे मोहब्बत हो गई, कहीं तुमने की ना हो कोई जादूगरी.
मैं परी हूँ, ख्यालों में आती हूँ, दिल में नहीं.
खट्टी-मीठी सी कोई रसभरी हो, तुम मेरी जिन्दगी की परी हो
पापा और बेटी स्टेटस
वो परी भी अच्छी नहीं लगती, जब जिन्दगी में मंजिल नहीं मिलती.
मासूम तेरे चेहरे पर, तबस्सुम ये जो चार-चाँद लगाती है, झुका पलकें जब शर्माती है जैसे फलक से कोई परी उतर आती है.
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हम कैसे बयाँ करे, आपकी खूबसूरती-ए-अंदाज को, बस समझ लीजिये कोई परी उतरी हो जैसे चाँदनी रात को.
हम सब की आँखों में एक चमक सी छाई है, एक नन्हीं सी परी मासूमियत भरकर फिर से खिल-खिलाई है.
मेरी नन्ही परी
रखा था उसे ख़्वाबों में संभालकर, ‘परी’ क्या कह दिया, उड़कर चली गई.
फिर रात चुपके से कोई कहानी सुनाएगी, और सुबह होते ही वो परी खो जायेगी.
यह दुनिया मिठास घोलकर जहर देती हैं, ‘परी’ कहकर पंख कुतर देती हैं.
बचपन में सुनी कहानियों की हकीकत वाली परी हो तुम.
बिटिया रानी शायरी
उसे सजने सँवरने की जरूरत नहीं होती, बिखरी जुल्फों में भी वो परी सी लगती है.
चाहत से ज्यादा, जिसे चाहूँगा मन्नत से ज्यादा जिसे मानूँगा कौन वो प्यारी परी होगी जिसके ख़ातिर जीना चाहूँगा.
प्यार की एक तू मूरत है, परियों सी तेरी सूरत है, दिल में है अब ख्वाब बड़ी मुझको तेरी जरूरत है.
तुम मेरे ख़्वाबों में इस कदर आती हो, जैसे आसमां से कोई परी उतरती हो.
स्वप्न लोग से एक परी हृदय में आज समा गयी, हम देखते ही रह गये वो हम पर कहर ढा गयी. एक दिन उस परी को अपनी जिदंगी में लाऊंगा इस खूबसूरत से सपने को हकीकत बनाऊंगा.
नन्ही बेटी पर शायरी
वो थी कोई महकती परी, या जन्नत का फ़रिश्ता था, ताउम्र तो नहीं, जिससे सिर्फ कुछ लम्हों का रिश्ता था.
फिजाओं में बसी है जैसे ख़ुशबू तेरी, समेट रखा है मैंने ऐसे हर यादों को तेरी, उड़ती हुई नजर आती हो जैसे कोई परी, बस एक तमन्ना बन सके तू सरेआम मेरी.
बिना बताये दर्द को समझ जाती हो तुम, माँ हो मेरी या कोई परी हो तुम.
वो शहर-ए-हुस्न की परी थी, ऊपर से नीचे तक हुस्न से भरी थी.
बेटी के लिए खूबसूरत शायरी
सितम सारे हमारे छांट लिया करो, नाराजगी से अच्छा है डांट लिया करो.
पापा की परी थी, पर दुनिया ने उड़ने नहीं दिया.
वो परी अंजान बनकर मिली थी, कब जान बन गयी पता ही नहीं चला.
बेटी के लिए शायरी हिंदी
पापा की परी हूँ मैं उड़ना उन्होंने ही सिखाया है चाहे कैसे भी हो हालात हँसते रहना उन्होंने बताया है
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है मार डालती ये दुनिया कब की हमे लेकिन “पापा ” के प्यार में असर बहुत है
बेटी के लिए पापा की शायरी
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ, माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ, घर को रोशन करती हैं बेटियाँ, लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ.
बेटे भाग्य से होते हैं पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं
जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं.
पापा बेटी के लिए शायरी
एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी, यह सच है कि मेहमान हैं बेटी, उस घर की पहचान बनने चली जिस घर से अनजान हैं बेटी.
सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या-क्या ले आई, किसी ने ना पूछा बेटी क्या-क्या छोड़ आई.
सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या-क्या ले आई, किसी ने ना पूछा बेटी क्या-क्या छोड़ आई.
बेटी और पिता का प्यार
बेटा अंश हैं तो बेटी वंश हैं, बेटा आन हैं तो बेटी शान हैं.
मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं, क्योकि पापा तो सिर्फ खिलौने लाते हैं पर शाम तो पापा को लाती हैं.
बेटी है कुदरत का उपहार, जीने का इसको दो अधिकार.
बेटी को मत समझो भार, जीवन का हैं ये आधार.
बेटी पर कुछ सुंदर शायरी
जिस घर मे होती है बेटियां रौशनी हरपल रहती है वहां
हरदम सुख ही बरसे उस घर मुस्कान बिखेरे बेटियां जहाँ.
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